सऊदी में फंसे कैलाश समेत सात श्रमिक जल्द लौटेंगे भारत

सऊदी में फंसे कैलाश समेत सात श्रमिक जल्द लौटेंगे भारत











सऊदी अरब के रियाद में फंसे कैलाश समेत सात श्रमिकों को भारतीय दूतावास भारत भिजवाने के प्रयास में है। भारतीय दूतावास इस मामले में सऊदी सरकार और वहां के अधिकारियों से लगातार सम्पर्क बनाए हुए है। कैलाश व छह अन्य श्रमिकों को भारत भिजवाने के लिए बुरैदा के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रयास कर रहे हैं।


रियाद स्थित भारतीय दूतावास वहां फंसे कुशीनगर जिले के बरवापट्टी क्षेत्र के गोबरही गांव निवासी कैलाश कुशवाहा समेत सात श्रमिकों के सम्पर्क में है। श्रमिकों का यह समूह रियाद से तकरीबन 350 किमी दूर बुरैदा में है। यहां ये मजदूर रॉकन ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी में काम करने पहुंचे थे। इस क्षेत्र में कंपनी की परियोजना कई महीने से बंद है। दूतावास श्रमिकों की काउंसलिंग करता रहा है। श्रमिकों ने श्रम अदालत में मामला दायर किया था और उनके पक्ष में एक निर्णय हुआ था। फैसले के कारण श्रमिकों को कुछ भुगतान हुआ था। कंपनी द्वारा ही निकास वीजा और टिकट की व्यवस्था की जानी थी।


रॉकन ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी भी वित्तीय संकट का सामना कर रही है। एग्जिट वीजा जारी करने के लिए कंपनी को श्रमिकों के इकामा (स्थानीय पहचान पत्र जो पासपोर्ट के बदले दिया जाता है) का नवीनीकरण करना पड़ता है। इसमें प्रत्येक श्रमिक के लिए कंपनी को हजारों रियाल में दंडित करने का प्रावधान है। इकामा के नवीनीकरण न होने के कारण लम्बित जुर्माने की राशि के चलते कंपनी उन्हें बाहर निकलने का वीजा नहीं दे सकती है। दूतावास इस मामले में सऊदी अरब अधिकारियों से सम्पर्क कर श्रमिकों को देश भिजवान का प्रयास कर रहा है। इस आशय की मेल सऊदी के रियाद में स्थित भारतीय दूतावास के रंजनदीप गंभीर ने मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि को भेजी है।


आरटीएसी में काम करने पहुंचे थे 17 श्रमिक : रियाद स्थित रॉकन ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग (आरटीसी) कंपनी में काम करने के लिए 17 श्रमिकों का समूह पहुंचा था। आठ श्रमिक पहले ही सऊदी निर्वासन केंद्र के माध्यम से वहां से लौट चुके हैं। दो और श्रमिकों को हाल ही में निर्वासन केंद्र में भर्ती कराया गया है। जल्द ही उनके वतन वापसी की उम्मीद है। बुरैदा में एक सामाजिक कार्यकर्ता इसमें पहल कर रहे हैं। भारतीय दूतावास शेष सात श्रमिकों को भी वापस करने का प्रयास कर रहा है। इनमें कैलाश कुशवाहा भी शामिल हैं।


कुशीनगर में बिलख रहा कैलाश का परिवार: सऊदी के रियाद में फंसे कुशीनगर जिले के बरवापट्टी क्षेत्र स्थित गोबरही गांव निवासी कैलाश कुशवाहा के परिवारीजन परेशान हैं। उधर सऊदी में फंसे कैलाश भी देश लौटने के लिए परेशान हैं। कैलाश के पिता ध्रुव कुशवाहा, मां लखपति और छोटा भाई गुड्डू अधिकारियों से लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने इस दुखी परिवार का दुख प्रकाशित किया। ‘हिन्दुस्तान की खबर को मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने संज्ञान लिया और विदेश मंत्री, भारतीय दूतावास तथा मदद एप पर मेल भेजकर व ट्वीट कर कैलाश को देश भेजवाने की गुजारिश की। इस मेल व ट्वीट का असर दिखने लगा है। दूतावास से आई मेल ने कैलाश के देश लौटने की उम्मीद जगा दी है।


कैलाश और उसके परिवारीजनों की आपबीती: कुशीनगर के बरवापट्टी क्षेत्र स्थित गोबरही गांव निवासी ध्रुव कुशवाहा के पांच बेटे योगेंद्र, कैलाश, अशोक, हीरालाल और गुड्डू हैं। परिवार की माली स्थिति ठीक न होने के कारण कैलाश कर्ज लेकर वर्ष 2015 में सउदी पहुंच गए। कैलाश सउदी के रियाद शहर में फंस गए हैं। कम्पनी अब उनसे काम नहीं ले रही है। बाहर निकलने नहीं दे रही है और देश लौटा नहीं रही है। मजबूर व परेशान कैलाश ने अपनी वीडियो अपलोड कर परिवारीजनों को भेजी है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने कैलाश की परेशानी, उसकी मां लखपती तथा परिवारीजनों की बेबसी को प्रकाशित किया।














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